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❖ सुविचार :- “अपने ज्ञान को साझा करना, यह एक तरह से अमरत्व को प्राप्त करने जैसा है”- दलाई लामा

Monday, 28 February 2022

National Science Day 2022

On this day in 1928, Sir Chandrasekhara Venkata Raman, discovered the Raman Effect. For his discovery, Sir C.V. Raman was awarded the Nobel Prize in Physics in 1930. 
Wishyou all a very happy National Science Day

Monday, 21 February 2022

#International Mother Language Day 2021- 22

अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस : मातृभाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम व संस्कृति की सजीव संवाहक होती है। यह व्यक्तित्व के निर्माण,विकास और उसकी सामाजिक व सांस्कृतिक पहचान बनाती है। यह दिवस हमें हमारी सांस्कृतिक विरासत से जुड़े रहने के लिए प्रेरित करता है।

आज विद्यालय परिसर में माननीय प्राचार्य महोदय की निर्देसन में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का आयोजन किया |
International Mother Language Day: Mother's tongue is a powerful medium of expression and a living conductor of culture. It forms the formation, development of personality and its social and cultural identity. This day inspires us to stay connected with our cultural heritage.

Today, International Mother Language Day was organized on the school premises under the direction of the Honorable Principal.

Wednesday, 16 February 2022

आज की कहानी

   लालची लड़का

बहुत समय पहले किसी नगर के एक छोर पर एक गरीब ब्राह्मण का परिवार रहता था। वह दिन-रात अपने खेत में काम करता, फिर भी, उसके पास हमेशा धन की कमी ही बनी रहती थी। 

गर्मियों का मौसम था। बहुत गर्मी पड़ रही थी। ब्राह्मण काम करते हुए थक गया, तो अपने पेड़ के नीचे जा कर लेट गया। अचानक उसने चींटियों के बिल से एक बड़े से सांप को बाहर आते देखा। 

ब्राह्मण बहुत ही नेक और सब पर भरोसा करने वाला था। उसे लगा कि वह सांप खेत का रखवाला है। क्योंकि उसने कभी उसे भोग नहीं लगाया इसलिए वह नाराज है। शायद इसीलिए वह कभी अमीर नहीं बन पाता। 

उसने तय किया कि वह सांप की पूजा करेगा और रोज उसे दूध पिलाया करेगा। वह दूध से भरा कटोरा ले आया, जिसे उसने सांप के बिल के पास रख दिया। उसने सांप से उसकी देखरेख न करने की माफी भी मांगी। 
 
अगली सुबह उसने पाया कि दूध का कटोरा खाली था और उसमें सोने का एक सिक्का रखा था। इसके बाद तो ब्राह्मण रोज सांप के बिल के बाहर पूजा करके दूध से भरा कटोरा रख देता और अगली सुबह दूध का कटोरा । खाली मिलता। हां, उसमें सोने का एक सिक्का जरूर रखा होता! 

एक दिन, ब्राह्मण को किसी काम से दूसरे गांव जाना पड़ा। ब्राह्मण को लगा कि वहां उसे कुछ दिन लग जाएंगे। उसे चिंता होने लगी कि उस दौरान उसके सांप की पूजा कौन करेगा? उसे दूध का कटोरा कौन देगा? उसने अपने बेटे से कहा कि वह सांप के लिए दूध का कटोरा रख आया करे। ब्राह्मण के बेटे ने अपने पिता की आज्ञा को माना। उसने वही किया, जो उसके पिता ने उसे बताया था। इसलिए अगली सुबह उसके बेटे को भी खाली कटोरे में सोने का सिक्का रखा हुआ मिला। 

ब्राह्मण का बेटा बहुत लालची और मक्कार था। उसे लगा कि अगर सांप रोज एक सिक्का देता है तो इसका मतलब है चींटियों की पूरी बांबी सिक्कों से भरी होगी। उसने तय किया कि वह रोज एक सिक्का लेने की बजाए सांप का ही काम तमाम कर देगा ताकि उसे सारे सिक्के एक साथ मिल जाएं। उसने एक बड़ा-सा मजबूत डंडा अपने हाथ में ले लिया और सांप के बिल से बाहर आने की प्रतीक्षा करने लगा। ज्यों ही सांप बाहर आया, उसने उसके सिर पर डंडे से वार किया। उसका वार पूरी तरह से निशाने पर नहीं लगा, इसलिए सांप केवल घायल हो गया, वह मरा नहीं। ब्राह्मण के बेटे की इस हरकत पर सांप को बहुत गुस्सा आया। उसने ब्राह्मण के बेटे को डंस लिया। लालची लड़का सांप के विष से वहीं ढेर हो गया। 

ब्राह्मण का काम जल्दी खत्म हो गया इसलिए वह दूसरे ही दिन गांव वापस आ गया। वह खेत में गया। वहां उसने अपने बेटे को मरा हुआ पाया। सांप अपने बिल में वापस जा चुका था। पास पड़े मोटे डंडे को देखकर उसे एहसास हो गया कि उसके बेटे की ही गलती रही होगी, जिसका मोल उसे अपनी जान दे कर चुकाना पड़ा। अपने पुत्र का अंतिम संस्कार करने के बाद वह फिर से दूध का कटोरा ले कर सांप की पूजा करने चल दिया।

ज्यों ही सांप ने उसे आता देखा तो उसे याद आ गया कि ब्राह्मण के बेटे ने उसे । घायल किया था और उसने उसे काटा था जिससे वह मर गया है। अब वह किसी भी दशा में ब्राह्मण पर विश्वास नहीं कर सकता था। उसने यह बात ब्राह्मण से नहीं कही। उसने ब्राह्मण से मिली सेवा के बदले में उसने किसान को कुछ नही किया और उसके बाद हमेशा के लिए फिर वह किसान को कभी दिखाई नहीं दिया। सांप वहां से गायब हो गया।

इस कहानी से हमे सीख मिलती है कि हमे लालच नही करना चाहिए। अधिक लालच इंसान की मृत्यु का कारण भी बन सकती है।

#समय की कीमत

समय की कीमत समय अनमोल है। जो समय का महत्व जानते हैं, वे पल-पल समय का सदुपयोग करते हैं। इससे संसार में किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है। यह ...